जब भी हम श्री दुर्गा चालीसा पाठ करते हैं तो हमें Maa Durga Chalisa PDF की आवश्यकता पड़ती है तो ऐसे में हमें दुर्गा जी के चालीसा का पाठ की पीडीएफ को डाउनलोड करना होता है
जितने भी मां दुर्गा के भक्त लोग हैं उन सभी लोगों को आज मैं दुर्गा चालीसा की पूरी पीडीएफ की लिस्ट देने वाला हूं पीडीएफ की सहायता से आप मां की भक्ति और ही ज्यादा बेहतर कर पाएंगे क्योंकि जब हम लोग दुर्गा चालीसा को पढ़ते हैं
तो हमें बहुत ही ज्यादा आत्मा को शांति मिलती है और इसको पढ़ने से मां दुर्गा का आशीर्वाद हमारे ऊपर हमेशा बना रहता है
संक्षिप्त विवरण (Short Description)
Sr. No. | Headings | Details |
---|---|---|
1 | किताब का नाम | Durga Chalisa |
2 | भाषा | हिंदी |
3 | लेखक | महर्षि देवदास फजल |
4 | Size | 3.8 MB |
5 | उपयोगी | श्री दुर्गा G को समझने में |
6 | कैटेगरी | Religion, Chalisa |
7 | My Website Name | Pdfhai.com |
दुर्गा चालीसा क्यों पढ़ना चाहिए?
अगर आपको मां दुर्गा को प्रसन्न करना है तो आपको दुर्गा चालीसा का पाठ करना अनिवार्य होगा क्योंकि दुर्गा चालीसा के पाठ करने से मां दुर्गा बहुत ही ज्यादा प्रसन्न हो जाते हैं ।
यदि मां दुर्गा प्रसन्न हो जाती है तो अपने भक्तों पर हमेशा दया दृष्टि बनाए रखते हैं जिससे भक्तों के आने वाले कष्ट और दुख मां दुर्गा के चालीसा पाठ करने से दूर हो जाते हैं।
कुछ लोग मां दुर्गा का चालीसा का पाठ नहीं करते हैं क्योंकि उनके पास हो सकता है कि टाइम ना मिल रहा हो लेकिन यदि आप अपने परिवार में हमेशा खुशियों का माहौल देखना चाहते हैं तो आपको दुर्गा चालीसा का पाठ करना अनिवार्य होगा
यदि आप प्रत्येक दिन दुर्गा चालीसा का पाठ नहीं कर पाते हैं तो आपको नवरात्रि में मां दुर्गा जी का पाठ करना बहुत ही ज्यादा आवश्यक हो जाता है क्योंकि उस समय मा दुर्गा अपने भक्तों पर बहुत ही जल्द खुशी हो जाती हैं
इसलिए आपको हमेशा दुर्गा चालीसा का पाठ करना आवश्यक है यदि आप हमेशा नहीं कर पाते हैं तो नवरात्रि में करना बहुत ही ज्यादा आवश्यक माना जाएगा
Durga Chalisa Lyrics in Hindi
॥ चौपाई ॥
नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो अम्बे दुःख हरनी॥
निराकार है ज्योति तुम्हारी।
तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे।
दरश करत जन अति सुख पावे॥
तुम संसार शक्ति लय कीना।
पालन हेतु अन्न धन दीना॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
रूप सरस्वती को तुम धारा।
दे सुबुद्धि ऋषि-मुनिन उबारा॥
धरा रूप नरसिंह को अम्बा।
प्रगट भईं फाड़कर खम्बा॥
रक्षा कर प्रह्लाद बचायो।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।
श्री नारायण अंग समाहीं॥
क्षीरसिन्धु में करत विलासा।
दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।
महिमा अमित न जात बखानी॥
मातंगी अरु धूमावति माता।
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥
केहरि वाहन सोह भवानी।
लांगुर वीर चलत अगवानी॥
कर में खप्पर-खड्ग विराजै।
जाको देख काल डर भाजे॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला।
जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
नगर कोटि में तुम्हीं विराजत।
तिहुंलोक में डंका बाजत॥
शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे।
रक्तबीज शंखन संहारे॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी।
जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा।
सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
परी गाढ़ सन्तन पर जब-जब।
भई सहाय मातु तुम तब तब॥
अमरपुरी अरु बासव लोका।
तब महिमा सब रहें अशोका॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।
तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावै।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।
जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
शंकर आचारज तप कीनो।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप को मरम न पायो।
शक्ति गई तब मन पछितायो॥
शरणागत हुई कीर्ति बखानी।
जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥
आशा तृष्णा निपट सतावे।
मोह मदादिक सब विनशावै॥
शत्रु नाश कीजै महारानी।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
करो कृपा हे मातु दयाला।
ऋद्धि-सिद्धि दे करहु निहाला॥
जब लगि जियउं दया फल पाऊं।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं॥
दुर्गा चालीसा जो नित गावै।
सब सुख भोग परमपद पावै॥
देवीदास शरण निज जानी।
करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥
श्री दुर्गा चालीसा का पाठ कैसे करें?
- सबसे पहले आप स्नान करके स्वच्छ हो जाएं
- अब आप एक कोई लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र को बिछा दें
- उस लाल वस्त्र पर मां दुर्गा की फोटो या मूर्ति को रखें
- अब आप श्री दुर्गा चालीसा का श्रद्धा पूर्वक पाठ करें
- दुर्गा चालीसा समाप्त होने पर दुर्गा जी की आरती जरूर करें
- अंत में आप परिवार के साथ मां दुर्गा से आशीर्वाद को ग्रहण करें।
- यदि आप प्रसाद की व्यवस्था किए हैं तो प्रसाद को भी ग्रहण करें
दुर्गा चालीसा का पाठ करने के फायदे
1. दुर्गा चालीसा से मन शांत रहता है
अगर आप दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं तो आपका मन बहुत ही ज्यादा शांत स्वभाव का रहता है जितने भी आपके पास टेंशन रहती है सभी टेंशन को दुर्गा चालीसा पाठ करने से दूर हो जाती है और आप हमेशा प्रसन्न और खुशी रहेंगे
2. शरीर में नई ऊर्जा का निर्माण होता है
कभी-कभी हमें ऐसा लगता है कि हमारे शरीर में किसी भी प्रकार की शक्ति नहीं है बहुत ही ज्यादा थकान महसूस होता रहता है और हम अनेक बीमारियों से ग्रसित रहते हैं तो ऐसे में हमें दुर्गा चालीसा का जाप करने से यह सभी बीमारी दूर हो जाती हैं
3. जीवन के सारे दुःख दूर होते है और उनसे लड़ने की ताकत मिलती है
यदि आपके जीवन में दुख आते हैं बहुत ही ज्यादा कष्ट होता है और आपको कुछ नहीं समझ में आता कि हम क्या करें कैसे यह सब दुख दूर हो जाएं और हमारे जीवन में फिर से खुशियां आए हैं ऐसे में आप मां दुर्गा जी के शरण में अवश्य जाना चाहिए क्योंकि वह सभी दुखों को खत्म कर देती हैं
Durga Chalisa PDF In Hindi
यदि आप Maa Durga Chalisa PDF In Hindi में Download मैं नीचे दिए गए लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं और आप इसे अबकी मोबाइल में बहुत ही आसानी तरीके से पढ़ सकते हैं तू इस पीडीएफ को आप लोग अवश्य डाउनलोड करें
Durga Chalisa PDF Download
दोस्तों आप इस PDF को डाउनलोड करके आउट भी निकलवा सकते हैं क्योंकि आप इसे प्रिंटआउट में बहुत ही अच्छे तरीके से पढ़ सकते हैं यदि दोस्तों आप इसका बुक चाहते हैं तो मैंने इसके पूरे भी दी है जिसे आप लोग अमेज़न से खरीद सकते हैं
दुर्गा चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
हमें दुर्गा चालीसा का पाठ नवरात्रि में 9 दिनों सुबह और शाम करना चाहिए क्योंकि माताजी का पाठ करने से हमें अवांछित फल और समृद्धि मिलती है| दुर्गा चालीसा को सुबह और शाम दो बार पढ़ना चाहिए
दुर्गा चालीसा कब पढ़ना चाहिए
दुर्गा चालीसा को नवरात्रि में मां दुर्गा को खुश करने के लिए सुबह और शाम आरती के साथ इसे पढ़ना चाहिए
दुर्गा चालीसा किसने लिखा है
दुर्गा चालीसा को लिखने वाले महर्षि देवदास जी को माना जाता है
दुर्गा चालीसा रोज पढ़ने से क्या होता है?
दुर्गा चालीसा को रोज पढ़ने से हमें आने वाले दुख, कष्टों से मुक्ति मिल जाती है और हमारे मन में जो भी नकारात्मक विचार होते हैं वह सभी समाप्त हो जाए जिससे हम हमेशा तरोताजा और प्रसन्न महसूस करते हैं